सोमनाथ मंदिर, गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित, बारह ज्योतिर्लिंगों में से पहला और सबसे पवित्र माना जाता है. यह भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां सोमनाथ के नाम से जाना जाता है. सदियों से, सोमनाथ मंदिर हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल रहा है और इसकी समृद्ध इतिहास, कलात्मक वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व देश भर के भक्तों को अपनी ओर खींचता है.
इतिहास (Itihas)
सोमनाथ मंदिर का इतिहास प्राचीन है और पुराणों में वर्णित है. माना जाता है कि चंद्रदेव (सोम) ने भगवान शिव की पूजा की थी और उन्हीं के नाम पर इस मंदिर का नाम सोमनाथ पड़ा. कई ग्रंथों में इस मंदिर के पुनर्निर्माण और विनाश का उल्लेख मिलता है.
- पहला मंदिर (Pehla Mandir): ऐसा माना जाता है कि सबसे पहला मंदिर सोने से बना था.
- द्वितीय मंदिर (Dvitiya Mandir): त्रेता युग में रावण ने इस मंदिर का निर्माण चांदी से करवाया था.
- तृतीय मंदिर (Tritiya Mandir): द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने द्वारकापुरी के निकट इस मंदिर का निर्माण लकड़ी से करवाया.
- चतुर्थ मंदिर (Chaturtha Mandir): द्वापर युग के अंत में, भगवान श्रीकृष्ण के परदादा, यदुवंशी राजा सोमदेव ने इस मंदिर का निर्माण किया.
इसके बाद कई शताब्दियों में मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण हुआ. 11वीं शताब्दी में, चालुक्य राजाओं ने सोमनाथ मंदिर का भव्य रूप से पुनर्निर्माण किया.
- विनाश और पुनर्निर्माण (Vinash aur Punar-nirman): दुर्भाग्य से, सोमनाथ मंदिर को कई बार विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा लूटा गया और नष्ट किया गया. 1025 ईस्वी में, महमूद गजनवी ने पहली बार मंदिर को नष्ट किया था. इसके बाद कई शासकों द्वारा मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया. 1299 ईस्वी में, अलाउद्दीन खिलजी ने मंदिर को पुनः ध्वस्त कर दिया. इसके बाद सदियों से मंदिर खंडहरों में रहा.
- स्वतंत्रता के बाद पुनर्निर्माण (Swatantrata ke Baad Punar-nirman): भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1951 में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू हुआ. इस बार मंदिर को बलुआ पत्थर से बनाया गया.
सोमनाथ मंदिर: ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ (Somnath Mandir: Sarvashreshtha Jyotirlingon Mein)
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स्थापत्य कला (Sthapatya Kala)
सोमनाथ मंदिर की वास्तुकला चालुक्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है. मंदिर का शिखर 155 फीट ऊंचा है और इसमें कई मंडप (हॉल) और प्रवेश द्वार हैं.
- मंदिर परिसर (Mandir Parisar): मंदिर परिसर में कई मंदिर, तीर्थ और स्मारक हैं. मुख्य मंदिर के चारों ओर कोरिडोर हैं, जिनमें खंभों पर जटिल नक्काशी है. ये नक्काशी हिंदू देवी-देवताओं, पौराणिक कथाओं और ज्यामितीय आकृतियों को दर्शाती हैं.
- हॉल (Hall): मंदिर परिसर में कई हॉल हैं, जिनमें कुछ प्रमुख हॉल हैं:
- सभा मंडप (Sabha Mandap): यह एक विशाल हॉल है, जिसे सभाओं और धार्मिक समारोहों के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
- नृत्य मंडप (Nritya Mandap): इस मंडप में पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन होते थे.
- भोग मंडप (Bhog Mandap): यह वह स्थान है जहां भगवान सोमनाथ को भोग अर्पित किया जाता है.
- गर्भगृह (Garbhagriha): गर्भगृह मंदिर का सबसे पवित्र स्थान है, जहां ज्योतिर्लिंग स्थापित है. ज्योतिर्लिंग एक अग्नि स्तंभ के आकार का पवित्र शिवलिंग है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. सोमनाथ मंदिर का ज्योतिर्लिंग स्वयंभू माना जाता है, अर्थात इसका निर्माण किसी व्यक्ति द्वारा नहीं किया गया है.
- अन्य संरचनाएं (Any संरचनाएं): मंदिर परिसर में कई अन्य संरचनाएं भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
- पंचायतन मंदिर (Panchayatan Mandir): यह पांच छोटे मंदिरों का समूह है, जो भगवान गणेश, सूर्यदेव, विष्णु, शक्ति और ब्रह्मा को समर्पित हैं.
- गांधी स्मारक (Gandhi Smarak): यह स्मारक महात्मा गांधी को समर्पित है, जिन्होंने सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का समर्थन किया था.
- लहराता तिरंगा (Lahraata Tiranga): मंदिर परिसर में एक ऊंचे ध्वजस्तंभ पर हमेशा तिरंगा फहराता रहता है.
देवता (Devta)
सोमनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें यहां “सोमनाथ” के नाम से जाना जाता है. “सोम” का अर्थ चंद्र देव और “नाथ” का अर्थ स्वामी या भगवान होता है. पुराणों के अनुसार, चंद्रदेव (सोम) ने भगवान शिव की पूजा की थी, जिसके कारण इस मंदिर का नाम सोमनाथ पड़ा.
हिंदू धर्म में, भगवान शिव को सृष्टि के विनाशक और पुनर्निर्माता के रूप में जाना जाता है. उन्हें शिव, महादेव, महेश्वर और कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा “सोमनाथ” के रूप में की जाती है, जो दयालु और कल्याणकारी रूप है.
सोमनाथ मंदिर: ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ (Somnath Mandir: Sarvashreshtha Jyotirlingon Mein)
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पुजारी और भट्ट (Pujari aur Bhatt)
सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना का कार्य पुजारियों और भट्टों द्वारा किया जाता है.
- पुजारी (Pujari): पुजारी वे होते हैं जो मंदिर में दैनिक पूजा-अर्चना करते हैं. वे भगवान सोमनाथ को स्नान कराते हैं, उन्हें वस्त्र पहनाते हैं, उनका श्रृंगार करते हैं और उन्हें भोग अर्पित करते हैं. पुजारी वैदिक मंत्रों का जाप भी करते हैं और भक्तों की पूजा-अर्चना में उनकी सहायता करते हैं. सोमनाथ मंदिर के पुजारी पारंपरिक रूप से शैव ब्राह्मण होते हैं.
- भट्ट (Bhatt): भट्ट वे होते हैं जो मंदिर में वेद पाठ करते हैं और भक्तों को शास्त्रों का ज्ञान देते हैं. वे मंदिर के इतिहास, परंपराओं और पूजा विधियों के विशेषज्ञ होते हैं. भट्ट भगवान सोमनाथ की कथाएँ सुनाते हैं और भक्तों को मंत्रों का उच्चारण करने में मार्गदर्शन करते हैं.
राजभंडारी (Rajbhandaris)
सोमनाथ मंदिर में राजभंडारियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ये वे लोग होते हैं जो मंदिर के खजाने और संपत्ति का प्रबंधन करते हैं. वे दान, भेंट और मंदिर की आय का लेखा-जोखा रखते हैं. राजभंडारी यह भी सुनिश्चत करते हैं कि मंदिर का दैनिक कार्य सुचारू रूप से चले.
दर्शन और अभिषेक (Darshan aur Abhisheka)
सोमनाथ मंदिर दर्शन के लिए सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है. भक्त मंदिर में गर्भगृह के बाहर से भगवान सोमनाथ के दर्शन कर सकते हैं. मंदिर में दर्शन के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है.
- अभिषेक (Abhisheka): भक्त भगवान सोमनाथ को पवित्र जल, दूध, दही, शहद, घी, फल और फूलों से अभिषेक कर सकते हैं. अभिषेक एक विशेष पूजा है, जो भगवान को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए की जाती है. मंदिर प्रशासन द्वारा निर्धारित शुल्क देकर भक्त अभिषेक करवा सकते हैं.
त्यौहार (Tyohar)
सोमनाथ मंदिर में साल भर कई त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें कुछ प्रमुख त्यौहार हैं:
- शिवरात्रि (Shivratri): यह भगवान शिव का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो पूरे भारत में मनाया जाता है. सोमनाथ मंदिर में शिवरात्रि के दौरान विशेष पूजा-अर्चना होती है और रात भर भजन-कीर्तन होता है.
- सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya): हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने आने वाली अमावस्या को खास माना जाता है, लेकिन सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को और भी शुभ माना जाता है. सोमनाथ मंदिर में सोमवती अमावस्या के दिन विशेष पूजा-अर्चना होती है और बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं.
- त्रिलोचन शिला पूजा (Trilochana Shila Puja): यह एक अनोखी पूजा है, जो सोमनाथ मंदिर में हर सोमवार को की जाती है. इस पूजा में समुद्र के किनारे स्थित त्रिलोचन शिला की पूजा की जाती है. माना जाता है कि यह शिला सोमनाथ मंदिर के मूल ज्योतिर्लिंग का हिस्सा है.
सोमनाथ मंदिर: ज्योतिर्लिंगों में सर्वश्रेष्ठ (Somnath Mandir: Sarvashreshtha Jyotirlingon Mein)
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विवाद (Vivad)
सोमनाथ मंदिर का इतिहास विवादों से भी भरा पड़ा है. इन विवादों में से सबसे प्रमुख विवाद मंदिर के बार-बार विनाश और पुनर्निर्माण से जुड़ा है.
- विदेशी आक्रमण (Vidheshi Aakraman): 11वीं से 18वीं शताब्दी के दौरान, सोमनाथ मंदिर को कई बार विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा लूटा गया और नष्ट किया गया.
- महमूद गजनवी (Mahmud Ghazni): 1025 ईस्वी में, गजनी के शासक महमूद गजनवी ने पहली बार सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और इसे नष्ट कर दिया. उसने मंदिर की संपत्ति लूट ली और ज्योतिर्लिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया.
- अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji): 1299 ईस्वी में, दिल्ली सल्तनत के शासक अलाउद्दीन खिलजी ने सोमनाथ मंदिर पर हमला किया और इसे फिर से नष्ट कर दिया. उसने भी मंदिर की संपत्ति लूट ली और ज्योतिर्लिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया.
- पुनर्निर्माण का विरोध (Punar-nirman ka Virodh): भारत की स्वतंत्रता के बाद, सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध भी हुआ. कुछ लोगों का मानना था कि मंदिर के पुनर्निर्माण से हिंदू-मुस्लिम संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है.
- जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru): तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सरकारी खर्च पर मंदिर के पुनर्निर्माण का विरोध किया. उनका मानना था कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के खिलाफ जाता है.
- पुनर्निर्माण का समर्थन (Punar-nirman ka Samarthan): हालांकि, सरदार वल्लभ भाई पटेल (Sardar Vallabhbhai Patel) जैसे नेताओं ने मंदिर के पुनर्निर्माण का पुरजोर समर्थन किया. उनका मानना था कि यह राष्ट्रीय गौरव का विषय है और मंदिर का पुनर्निर्माण भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए आवश्यक है.
आखिरकार, 1951 में सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण शुरू हुआ और यह विवाद धीरे-धीरे शांत हुआ. आज, सोमनाथ मंदिर भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक गौरव का प्रतीक माना जाता है.
संदर्भ (Sandर्भ)
- सोमनाथ मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट: [somnath official website ON Somnath.org] (हिंदी में उपलब्ध नहीं है, लेकिन आप गूगल ट्रांसलेट का उपयोग करके इसका हिंदी में अनुवाद कर सकते हैं.)
- “सोमनाथ मंदिर” – विकिपीडिया: [somnath temple ON Wikipedia en.wikipedia.org]
- “अनरैवलिंग द कॉन्ट्रोवर्सी: सोमनाथ टेम्पल हिस्ट्री एंड नेहरूज ओपोजीशन” – वैदिक्स आईसीएस लखनऊ: [somnath mandir controversy ON vaidicslucknow.com]